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अज्ञेय पत्रावली

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :388
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 17084
आईएसबीएन :9788126030927

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"अज्ञेय के पत्र : रचनाकार के अंतरंग जीवन और साहित्यिक दृष्टि की झलक"

लेखकों क॑ पत्र कई दृष्टियों से पाठक के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। लेखक का स्वभावउसकी तत्कालीन मनःस्थिति उसके अन्य लेखकों से संबंधदूसरों की रचनाओं के बारे में उसकी रायसाहित्यिक विवादों के बारे में उसकी प्रतिक्रियाएँ आदि बहुत-सी जानकारियाँ लेखक के पत्रों से हासिल हो जाती हैं। पत्रों से लेखक के व्यक्तिगत जीवन के संबंध में भी दुर्लभ सूत्र मिल जाते हैंजो उसकी रचनाओं के कुछ रहस्यों का उद्घाटन करते हैं। इस दृष्टि से पत्र एक प्रकार से लेखक की आत्मकथा होते हैं।

अज्ञेय (1911-1987) अपने समय के एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण लेखक थे। रचनाकार-चिंतक के अतिरिक्त उनके गतिशील व्यक्तित्व का एक आयाम अपने समय के लेखकों को विभिन्‍न साहित्यिक आयोजनों द्वारा एक मंच देना भी रहा है। इस संदर्भ में अनेक लेखकों को उन्होंने हज़ारों पत्र लिखे होंगे। मगर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक उनके पत्रों का कोई संकलन प्रकाशित नहीं हो सका है। प्रस्तुत संग्रह इस दिशा में पहला ही है। इस संकलन में अज्ञेय के कुल 348 पत्र हैं। उनके विशाल पत्र-व्यवहार में यह संख्या बहुत कम हैफिर भी इनसे अज्ञेय के लेखकीय व्यक्तित्व तथा उनकी पत्र लेखन-कला के बारे में बहुत-सी जानकारियाँ मिल जाएँगी।

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